हर वा द में श् वा स — लो टस डे री लो टस परि वा की ओर से आप सभी को हर खु शी के पलों की शु भका मना एँ। आपका हर बने उत् सव-सा, हर बह
नई रो शनी और हर शा म नई से जगमगा ए। हर खु शी का पल टस डे री के
ग हो, आपके हर न, हर पल के भका मना एँ, हर बह नई उमं ग, टस नमकी
की खनक, हर को सवा रे, हर शि यों का षी — टस डे री, हर की रु आत
टस डे री के सा थ। नीं से गने से कर, नीं के आगो श तक, हर पल, हर
साँ में बस एक ही श् स — टस री। टस दू की पहली बूँ द में ममता
झलके, बचपन की हत, माँ की बनके। बचपन की हत, माँ की आ बनके। टस
दही का ठं डा पर् श कू न दि ला ए, मन को शी तल, तन को तर बना ए। टस
लस् सी की एक की, तों की कहा नी, सी वा द में है अपनी जवा नी। टस
पनी से महके हर यं जन रा, हर था ली में टस का नज़ा रा। टस घी की
हर बूँ हत का आधा र, धता का रती क, जी वन का र। टस खं की ठा स, डक
का जा दू, हर कौ र में ले आनं द का इरा दू। जब मन हो ठा, तो टस
रसगु ला या आए, शि यों का गो ला जो ल में उतर जा ए। टस ला ब का वा
द जै से भरा आलिं गन, हर ठा ई में पा है अपना पन। टस रे ड, हल् की
का जगा ए, नभर की ड़ में ऊर् जा बढ़ा ए। टस नमकी की खनक, हर को सवा
रे, टस का वा द में उता रे। टस ले वर् ड क रं गों -सा लता ए, टस बा
दा दू ध से मा चमका ए। थका टा ने को टस कॉ फी ला ए, एक घूं ट में जो
श भर जा ए। और जब आत् मा को चा हि ए पवि रता का र, टस गं गा जल करे
जी वन उज् ज् वल और पा र। हर वा में सच् चा ई, हर उत् पा द में र, टस
डे री बने परि वा रों का आधा र। वा स का पर् यवा ची टस री, हर रती य
का गर् और सं का र। टस परि वा र की ओर से एक बा र फि र — आपके हर
न, हर पल के शु भका मना एँ, हर बह नई उमं ग, हर शा नया श् वा स, और
हर क् षण बने ख़ा स — टस डे री के थ।